मायोपिया क्‍या होता है?

मायोपिया क्‍या होता है?

मायोपिया (निकटदृष्टि दोष) एक आम नेत्र रोग है जिसमें पास की वस्तुओं को देखना आसान होता है जबकि दूर की वस्तुएं धुंधली दिखाई देने लगती है। 

मायोपिया के कारण: 

1) अनुवांशिक (Genetic): अनुवांशिक बीमारियाँ पीढ़ी दर पीढ़ी चली आती हैं, कभी वो एक पीढ़ी छोड़ देतीं हैं (atavism) कभी आप से ही वो बीमारी शुरू होती है और आपके बच्चों को हो सकती है  

i. माता या पिता किसी को भी मायोपिया नहीं होने से बच्चों को होने का रिस्क काफी कम होता है  

ii) माता या पिता किसी एक को होने से बच्चों को मायोपिया होने का तीन गुना रिस्क होता है  

iii) माता और पिता दोनों को होने से बच्चों को मायोपिया होने का छह गुना तक रिस्क हो जाता है  

2) परिवेष्टक (Environmental): तीन घंटे से भी कम सूर्य के रौशनी में रहना, विटामिन डी की कमी, बाहर खेलकूद की कमी (कम से कम दिन में 90 मिनट)

3) स्क्रीन टाइम (Screen Time): मोबाइल, आई पैड, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टीवी इत्यादि पर अधिक समय देने से मायोपिया होने का खतरा काफी बढ़ जाता है और मायोपिया तेज़ी से बढ़ता भी है

मायोपिया के लक्षण

यदि आप निकटदर्शी है, तो आपको सड़क के संकेतों को पढ़ने और दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने में कठिनाई होगी, लेकिन पढ़ने और कंप्यूटर के उपयोग जैसे क्लोज-अप कार्यों के लिए अच्छी तरह से देख पाएंगे और कोई कठिनाई नहीं होगी

मायोपिया (निकटदर्शिता) के अन्य संकेतों और लक्षणों में स्क्विंटिंग (भैंगापन) , आंखों में तनाव और सिरदर्द शामिल हैं। ड्राइविंग करते समय या खेल खेलते समय थकान महसूस करना भी निकटदर्शिता का एक लक्षण हो सकता है जिसे सुधारा नहीं गया हो

मायोपिया (निकटदर्शिता) को नियंत्रित करना :

1) बच्चों के स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करना विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization - WHO) एवं अमेरिकी बाल एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ समूह (American Academy of Pediatrician & American Academy of Ophthalmologist) के दिशा निर्देशों के मुताबिक 

I) 18 महीने के छोटे बच्चों को मोबाईल, टीवी, इत्यादि बिल्कुल नहीं दिखाना है  

II) 18 - 24 महीने तक के बच्चों को थोड़ी देर वीडियो चैट करवाया जा सकता है  

III) 2 से 5 साल तक के बच्चों को दिन में आधे - आधे घंटे के दो स्लॉट दिए जा सकते हैं 24 घंटे में 1 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं होना चाहिए  

IV) 6 साल से 18 साल तक के बच्चों को सोने के निर्धारित समय से एक घंटे पहले बिल्कुल मोबाइल बन्द करने की हिदायत दें इस उम्र में मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से पढ़ाई पर भी असर पड़ता है, इंटरनेट पर उपलब्ध तरह तरह के चीजों से भावनात्मक, सेक्सुअल, व्यवहार में अवांछनीय बदलाव होते हैं, इसीलिए नज़र रखना आवश्यक है  

2) कम से कम 90 मिनट का बाहर खुले में खेलकूद 

3) कम खुराक वाले एट्रोपिन आई ड्रॉप्स (low dose atropine drops - 0.01%) स्कूली उम्र के बच्चों में मायोपिया (निकटदर्शिता) की बढ़ती हुई परेशानी को धीमा कर सकते हैं, उच्च कनसेनट्रेशन के साथ तुलना में काफी कम साइड इफैक्ट (दुष्प्रभाव) होते हैं

मायोपिया (निकटदर्शिता) का उपचार :

चश्मों , कॉन्टेक्ट लेंस या रेफरेक्टिव सर्जरी से निकटदर्शिता को ठीक किया जा सकता है  

डिजनरेटिव मायोपिया (निकटदर्शिता) :

अधिकतर मामलों में, निकटदर्शिता बस एक एक छोटी सी असुविधा है और आंख के स्वास्थ्य के लिए बहुत कम या कोई खतरा नहीं है लेकिन कभी-कभी मायोपिया इतना प्रोग्रेसिव और गंभीर हो सकता है कि इसे एक डिजनरेटिव स्थिति माना जाता है

डिजनरेटिव मायोपिया (जिसे एक मलिग्नैंट या पैथोलॉजिकल मायोपिया भी कहा जाता है) एक अपेक्षाकृत दुर्लभ स्थिति है जिसे माना जाता है कि यह वंशानुगत/आनुवंशिक है और आमतौर पर बचपन में ही आरंभ होती है

मलिग्नैंट मायोपिया की स्थिति में, नेत्रगोलक (आईबॉल) की वृद्धि तेजी से हो सकती है, जिससे मायोपिया की शीघ्र और गंभीर प्रगति होती है और दृष्टि की हानि हो सकती है इस स्थिति वाले आम लोगों में आंखों के पीछे रेटिना का फटना और अन्य डिजनरेटिव परिवर्तन काफी स्तर पर बढ़ जाते हैं जैसे असामान्य रक्त वाहिका बढ्ने से आंख में ब्लीडिंग (रक्तस्राव) का हो जाना सम्मिलित है

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